Sunday, September 7, 2008

Aaj phir....

चंद शेर और :-

वहीँ मस्जिद भी है अपनी वहीँ मन्दिर भी है अपना
जहाँ दीवाने दो मिलकर सनम की बात करते हैं

जब हुस्न बेनकाब होता है
वो लम्हा लाजवाब होता है

बाकी फिर कभी...

Saturday, May 31, 2008

Sahi Kathan.....

HOLY IS THE WIFE; REVERED THE MOTHER; GALLIPTIOUS IS THE SUMMER GIRL- BUT THE BRIDE IS THE CERTIFIED CHEQUE AMONG THE WEDDING PRESENTS THAT THE GODS SEND IN WHEN MAN IS MARRIED TO MORTALITY.

Saturday, May 3, 2008

Original Ones

कुछ शेर मेरी कलम से भी :

पलकें बिछाए बैठे हैं दीदार-ऐ-यार चाहिए
आशिक होने के लिए दिल-ऐ-बेकरार चाहिए
इंतज़ार करते काटे कितने लम्हे सुमित
अब इस बेचैन दिल को थोड़ा करार चाहिए

नज़रें दिल का हाल बयान करती हैं
सवाल कर जवाब ख़ुद दिया करती हैं

Shuruat kuch is tarah....

शुरुआत कुछ ऐसे शेर से जो मेरे दिल के बेहद करीब हैं :

उसे महसूस करने का सलीका ही नहीं,
जो कहता है खुदा का नज़र आना ज़रूरी है

मन्दिर मस्जिद अब ना जाया जाए
चलो बिखरे घर को सजाया जाए
के घर से मस्जिद है बहुत दूर
चलो किसी बच्चे को हंसाया जाए